DEVADHIDEV MAHADEV देवाधिदेव महादेव A RELEGIOUS STORY
देवाधिदेव महादेव ब्रह्मांड का एक सम्पूर्ण और सशक्त नाम है। जो अजन्मा अविनाशी और काल से परे है। इस पौराणिक कथा मे भगवान भोलेनाथ की एक ऐसी कथा का वर्णन है जो अपने आप मे अद्वितीय है। भगवान भोलेनाथ की सबसे प्रिय नगरी काशी मे एक ब्राह्मण रहता था। भगवान भोलेनाथ की कृपा से ब्राह्मण के पास किसी तरह की कोई कमी नही थी। दोनो दम्पति भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना मे अपने आप को समर्पित कर दिये थे ।बहुत दिन बीत गये उम्र अब ढालान के अवस्था तक आ पहुंची। पर उन्हे संतान सुख से बंचित रहना पड रहा था। बढती उम्र के साथ साथ उन्हे संतान न होने का दुख भी सता रहा था। निसहाय सा वह ब्राह्मण रोज भगवान शिव के दरबार मे जाकर धंटो भगवान भोलेनाथ के पवित्र लिंग को निहारता रहता था। दिल के किसी कोने मे एक आशा की किरण जिन्दा थी कि भगवान एक न एक दिन मेरी अर्तरात्मा की आवाज सुनेगे। दिन पर दिन बीतते गये पर ब्राह्मण के सेवा शुशुर्षा और आशा मे कोई कमी नही आई। वह सदा की भाँति निरन्तर धंटो तक भगवान भोलेनाथ के पवित्र लिंग स्वर