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Showing posts from May, 2021

SAD VICHAR सद् विचार A GOOD THOUGHTS

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                                                                                मनुष्य अपने जीवन मे भले ही अमीर  रहे या गरीब वह हर छोटे  से छोटे काम मे भी आनन्द को पाने की चाहत  रखता है   मनुष्य के  जीवन में  आनन्द  का बहुत  महत्व  है ,भुखे  को  खाने में  आनन्द है, नींद  वाले  व्यक्ति को  सोने  मेआनन्द  है ,घुमने वालों को घूमने फिरने  मे  आनन्द  है  ,किसी को काम करने मे भी  आनन्द  मिलता है  ।क्योकि  उससे धनानन्द कि प्राप्ति होती है  । पर यह  सब  क्षणिक आनन्द है स्थाई  आनन्द की बात  ही कुछ और है आज हम  आनन्द के  दोनों  स्वरूपो  कि चर्चा  करेंगे  ।    मै यह नही कहता  कि मनुष्य  बाध्य  है। अध्यात्म प्रेम  करने को, लेकिन   यह  जरूर कहुंगा  कि यदि मनुष्य   अध्यात्म से प्रेम  करेेंगे तो, मनुुुुुष्य की  दो चीजे हमेशा स्वस्थ  रहेेेगी , तन और मन ।  जब  मनुष्य  की ये दोनों  चीजे  स्वस्थ रहेगी तो मनुष्य को  जीवन  मे  खुुुश रहने के लिए  कोई  और चीजो की   जरूरत नही पडेगी। अध्यात्म से  आनन्द  प्राप्त  होता है जो  दो  तरीके  के होतेे है,  एक  अस्थाई आनन्द यानी  क्षणिक आनन्द  और  स्थाई  आनन्द । मन पसं

AKSHAYA TRITIYA अक्षय तृतीया A RELIGIOUS STORY

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  वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की  तृतीया को अक्षय तृतीया के  नाम से  जाना  जाता  है।  यह  हमारे  सनातन धर्म  मे इतना शुभ माना  जाता है  कि  कोई  भी शुभ कार्य  करने के लिए  आज के  दिन  मुहूर्त  की  जरूरत नही  पडती । आज का  हर पल अपने  आप मे एक  शुभ  मुहूर्त  हैं  ।आज ही के  दिन भगवान परशुरामका जन्म  हुआ था  । आज के दिन ही मां गंगा का  पृथ्वी  पर  आगमन  हुआ था  ।मां  अन्नपुर्रणा   आज के दिन ही  अवतरित  हुई थी  ।वैसे  तो आज के दिन को  लेकर  बहुत  सी  कथाए  प्रसिद्ध है  । उनमे  से एक  कथा हम  आपके  समक्ष प्रस्तुत कर रहे है  ।                                                               यह कथा भगवान  श्री कृष्ण  काल  की हैै।उस समय की बात है  ।माधवेेेेन्द्र  पुुुरी  नामक एक  श्री कृष्ण भक्त  थे जो भगवान  श्री कृष्ण के  अनन्य  भक्त थे।   एक  बार  उनके  मन  मे श्री  वृन्दावन घुमने  की इच्छा  हुई । विन्धास   प्रवृति  के हो ने के  कारण  उन्होने  अपना  दिनचर्या का समान  लिया  और  वृृृृृन्दावन के लिए  निकल पडे़ ।वहां पहुँच कर  वे एक  वृक्ष के नीचे   विश्राम करने लगे।  अब  अंधेरे ने अपना प्रभाव दिखाना

MAA HARSIDDHI DARSHAN मां हरसिद्धि दर्शन एक यात्रा वृतान्त

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                                                         उज्जैन नगरी अपनी विविधतायो के लिए  प्रसिद्ध है  । खास करके  कालो के काल महाकाल की सबसे  प्रिय नगरी तो  हैै ही  वही पर  मां आदि शक्ति कि शक्ति  स्वरुपा मां  हरसिद्धि  का भव्य मंदिर  हैै , जहाँ  मां  अपने  तीन  रूपो मे बिराजमान  है  मां महालक्ष्मी, मां महा सरस्वती और मां महा अन्नपुर्णा   के रूप मे  आज भी बिराजमान  है  ।वेदो  और पुराणो  मे वर्णित यह  देवी उज्जैन नगर के महाराजा विक्रमादित्य की  आराध्य देवी  के रूप मे प्रसिद्ध है  ।कहा जाता है कि  मां के बावन शक्ति पीठो मे से  एक  प्रसिद्ध  शक्ति पीठ  भी है।                                                               माता रानी हरसिद्धि का दरबार  मध्य प्रदेश  के उज्जैन जिले के प्रसिद्ध  महाकालेश्वर    मंदिर के समीप ही  स्थित है । यह मंदिर  उज्जैन  जिले के  रेलवे  स्टेशन के तीन किलोमीटर की  दूरी पर  स्थित  है। आने  जाने के लिए  सामान्य वाहन के  प्रयाप्त  साधन  है।  अति  सौम्य  वातारवण मेे  संध्या के समय यहांं  का दृश्य और  मनोहारी  होजाता  है । जब  मां के  मंदिर केे समक्ष दो दीप स्तम्