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Showing posts from July, 2020

GAUTAMI GANGA गौतमी गंगा A RELIGIOUS STORY

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हमारे देश में ऐसी ऐसी घटनाएं घटित हुई है ,जिनको संधारण कहना   बिल्कुल सही नहीं होगा । असम्भव को सम्भव बनाती यह सुन्दर कथा  हमारे पुरातन कथाओं में से एक है । मां गंगा को भागीरथ के अलावा ऋषि गौतम ने भी दुसरी बार मां गंगा की उत्पत्ति की थी । जो गौतमी गंगा के नाम से प्रसिद्ध है । जो महाराष्ट्र के वन्य प्रदेश  में नासिक जिले मे  स्थित है ।                              पुरातन काल से ही ऋषि मुनियों का निवास वन्य प्रदेशो में ही रहा है । एक समय बहुत बड़ा अकाल  पड़ा । कई  बरसों से पानी नहीं बरसा । मनुष्य जन पानी के बिना त्राहि त्राहि करने लगे ।  वन में रहने वाले सभी  जीव जंतु मनुष्य और ऋषि मुनि सब परेशान हो गए ।   वहीं पर गौतम ऋषि का आश्रम भी था । अत्यंत परेशान होने के बाद गौतम ऋषि ने वरूण देवता को प्रसन्न करने के लिए  यज्ञ का अनुष्ठान किया । तब वरूण देवता प्रसन्न हुए और उन्होंने गौतम ऋषि से यज्ञ करने का अभिप्राय क्या है , ऐसा पुछा । तब  गौतम ऋषि ने पानी की समस्या का निवारण करने की इच्छा जाहिर किया । उस वक्त वरूण देव ने कहा  मैं तो एक सेवक हूं जब तक   मालिक की इच्छा नहीं होगी तब तक मैं कुछ नह

MAA AUR BAP मां और बाप A SOCIAL MOTIVATIONAL STORY'

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मां और बाप से बढ़कर इस दुनिया में कोई भी नहीं है ।  भगवान ने भी मां और बाप को अपने से ऊंचा दर्जा दिया है । मनुष्य के जीवन में आने वाले कुछ अनमोल पल जो इस कहानी में दर्शाये गये  हैं । ये वो पल है जिसे मनुष्य चाह कर भी नहीं भूल पाता । जो इन पलों का सही मूल्यांकन कर पाते वो आनंदित होते हैं । और जो सही मूल्यांकन नहीं कर पाते उन्हें जीवन भर पछताना पड़ता है ।                                 देखो जी आज तरूण अठारह महीने का हो गया । आज मैंने  एक ऐसा दृश्य  देखा  तो लगा कि काश्  थोडा और देर तक देख पाती ।" आरती बोली ।                                    "अच्छा कौन सा दृश्य देखा भाई हम भी तो सुने  " शुभम बोला                                                    "   आप सुनोगे तो आप भी खुशी से उछल  पडोगे " आरती बोली                                  "  अरे हां भाई, बताओ तो सही "शुभम बोला              आज अपना तरूण अपने पैरों पर खड़ा हो गया था  ।मैन  जब देखा तो मुझे खुशी का ठिकाना ना रहा । आरती बोली ।                                                        वाकई यह बड़ी

KAMDEV MAN MARDANAM कामदेव मान मर्दनम् A RELIGIOUS STORY

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कृपा के सागर भगवान शिव  ने क्रोध  के वशीभूत होकर संसार की रचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कामदेव को जलाकर भस्म कर दिया था । जब उनका क्रोध शांत हुआ  तो उन्हें बड़ा दुख हुआ । कारण  कामदेव को दुसरे के उपकार के लिए ऐसा करने को विवश किया गया था । इस  प्रसंग में आगे क्या हुआ उसी का वर्णन हम करने जा रहे हैं ।                       तारकासुर से दुखी हो कर देवता जब ब्रह्मा जी के पास पहुंचे  , तो उन्होंने  कामदेव से मदद मांगने की सलाह दी ।तब देवता मदद मांगनेे के लिए कामदेव के पास पहुंचे ।     देेेेर तक अनुुुनय-विनय करने के बाद  कामदेेव   देवता गण की मदद करने के लिए  राजी हो गए ।                                                     कामदेव को अपने आप पर बहुत धमंड हो गया था ,  कि संसार मेें कोई  भी व्यक्ति, जीव-जंतु ,देव ,दानव, चर, चराचर , ऋषि मुनि,  योगी संन्यासी  मैं किसी को भी वश में कर सकता हूं । मन में उन्माद लेकर वह हिमाचल पर्वत पर योग साधना मेें लिप्त भगवान शिव के मन‌ में   विवाह के प्रति   जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से  हिमाचल पर्वत पर भगवान शिव के समीप पहुंच गये । उन्होंने  अपन

JAI BABA BHOLENATH--2 जय बाबा भोलेनाथ--2 A RELIGIOUS STORY

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बाबा भोलेनाथ की लीलाओं का वर्णन का कोई अन्त नहीं है । भगवान भोलेनाथ महिमा और गुणों से भरपूर हैं ।  जय बाबा भोलेनाथ प्रसंग के  कुछ तथ्य शेषांश रहने के कारण इस प्रसंग जय बाबा भोलेनाथ--2  की रचना की  गई ।                       इच्छा के अनुसार मनवांछित वरदान पाकर   उन्मत्त हाथी की तरह तारकासुुुुर   सभी देवताओं को कष्ट देने लगा और उनके साथ युद्ध करके सबको हरा कर बन्दी गृृृृह मेें डाल दिया ।                                                    बचे हुए शेष देवता जो  भाग  कर अपनी जान बचाने में सफल  हो गए थे । वे किसी तरह बह्मा जी के यहां पहुंचे । संयोग से  वहां भगवान विष्णु भी मौजूद थे । उन्होंने देवताओं की व्यथा सुनी और यह राय दिया कि राक्षस प्रवृति  से  प्रशंसा  के प्रेमी होते हैं । उन्हें बल से नहीं जीता जा सकता है । आप सब नट का भेष बदलकर उस को  किसी तरह से खुश करने की कोशिश  करना और खुश हो जाने पर ईनाम में देवताओं की रिहाई    मांग लेना  । देवताओं ने वैसा ही किया जैसा विष्णुजी ने कहा था  ।  मद से चूर  तारकासुर  ने कहा "हम आपसे बहुत प्रसन्न है  आप लोग जो चाहे मांंग सकते हैं ।तब देवताओं