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Showing posts from December, 2019

BHOLENATH KI BHASM MAHIMA भोलेनाथ की भस्म महिमा A RILIGIOUS STORY

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भगवान भोलेनाथ के भस्म की महिमा अत्यंत महत्वपूर्ण और उपयोगी है ।जो मनुष्य अपने आप को भोलेनाथ का भक्त समझते हैं ।  वे भस्म की महिमा को अच्छी तरह से समझते हैं ।एक बार  भस्म की महिमा की कथा स्वंय भगवान ब्रह्मा जी ने अपने प्रिय पुत्र नारद जी को सुनाई थी  ‌‌‌। हम उसी कथा को आपके समक्ष रखने जा रहे हैं ।                           पूर्व काल में एक बामदेव नाम के शिवभक्त हुए ।  जो शिवजी  के भक्ति में इतने लीन हो गए कि उनकी प्रसिद्धि तीनो लोकों में छा गई । वे एक दिन   सुबह भ्रमण करते करते ऐसे वन में चले गए । जहां केवल भूत प्रेत रहते थे । कोई भी मनुष्य वहां आना जाना  पसंद नहीं करता था ।  वह निर्जन स्थान भूतों का गढ़ के नाम से बदनाम था । वहीं पर एक ब्रह्म राक्षस रहा करता था जो स्वभाव से बहुत ही  क्रूर था ।  जब उसने बामदेव को देखा तो बहुत प्रसन्न हुआ ।और सोचा कि आज  बहुत दिनों के बाद इतना हृस्ट पुष्ट मनुष्य मिला है ।इसको खाने मेें बहुत मज़ा आयेगा ।  यह सोचकर वह मन ही मन बहुत भाव विभोर हो गया ।    वह शिव भक्त बामदेव की तरफ दौड़ा । पहले तो वह सोचा कि बामदेव मुझे देखकर डर जाएगा ।और बेहोश हो जायेगा ।

A JOURNEY OF MAHAKALI CAVES एक यात्रा महाकाली गुफाओं की A JOURNEY GUIDE

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आप लोगों ने  महाभारत काल के पांडवों के अज्ञातवास की कई कथाएं सुनीं होगी ,पर हम आज आपको आंखों देखे कुछ स्थलो के बारे में बताएंगे ।जो अपने आप मे एक अजूबा से कम नहीं । महा भारत  काल की एक घटना जो हमारे देश की एक ऐसी ऐतिहासिक घटना है जिसका जिक्र सदियों से होता चला आ रहा है । कौरवों द्वारा अनेक तरह से सताए जाने के दौरान एक अजीब तरह की सजा उन्हें दी गई थी ।और  शर्त में एक शर्त यह थी कि यदि अज्ञातवास के दौरान आप लोगों की पहचान या जानकारी हो जाती है तो अज्ञातवास की अवधि दुगनी हो जायेगी । उन दिनों वो लोग जिस जिस  स्थान पर रहे  उनमें से एक स्थान महाराष्ट्र के  मुंबई के अंधेरी पूर्व में स्थित महाकाली केव्ज के नाम से प्रसिद्ध है ।यह कुछ और नहीं पांडवों के अज्ञातवास के समय पत्थरों को तराश कर  बनाया गया उनका आवास है ।                         यह पांडव कालीन आवास अभी मुम्बई महा नगरपालिका की देख रेख में सुरक्षित है । सैंकड़ों लोग यहां दूर दूर  से देखने के लिए आते हैं । यहां की प्राचीन गुफाओं को देख कर आश्चर्य करते हैं कि ऐसी जगह पर जहां दिन के उजाले में आना जाना मुश्किल है ।उस समय वे लोग यहां रात क

NIDHIVAN EK ADBHUT RAHSHYA निधिवन एक अद्भुत रहस्य A RILIGIOUS STORY

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प्रकृति भी जिसके वश मे हो एक अद्भुत और शत प्रतिशत सत्य जो सदियों से चली आ रही परंपरा को निभाते रहा है ।श्री राधाकृष्ण के इस प्रेम सन्दर्भ को  हम आप के समक्ष एक कहानी के रूप में  रख रहे हैं । निधिवन अपने आप में एक रहस्य मयी स्थान है ।जो भगवान श्री कृष्ण का सबसे प्रिय स्थान है । जहां कुछ लोगों का कहना हैैै कि प्रेम से उन्मत्त होकर  गोपियां भगवान श्री कृष्ण को ही अपना सर्वस्व मानती थी । उनसे पल भर की दूरी या देरी उनको सालों के समान लगती थी । उनकी निगाहें हमेशा चन्द्रमा के समान शीतल मन्द मन्द मुस्कान से भरे  होठों वाले ,सावन की धटायो के सदृश उनका रंग रुप ,कमल के पंखुड़ियों से भी सुंदर उनके नयन , सैकड़ों सूर्यो के तेज से भी ज्यादा तेज उनका मुख , वाणी में वो मधुरता  की कोयल भी शरमा जाये , अपने शीश पर छोटे छोटे मयुर पंख धारण किए हुए भगवान श्रीकृष्ण को ढूंढती रहती थी ।यदि वो पल भर के लिए भी दूर हो जाय तो पानी से अलग हुई मछली की तरह तड़प उठती थी ।                                                 उधर वैसे ही सभी गोपीकाओं में श्रेष्ठ श्री राधा रानी की तो बात ही कुछ और थी । सुन्दरता की स