राजा विक्रमादित्य एक ऐसे राजा थे। जिनका नाम राजाओ के श्रेणी मे सबसे उपर आता है । मानव तो मानव ही है देवता, दानव भी उनकी इज्जत करते थे। यहां तक की वे पशु पंछी और जानवर तक की भाषा समझने मे पारांगत थे । उनके जीवन की एक सच्ची घटना जो पौराणिक कथाओ मे प्रसिद्ध है। पूर्व काल मे एक बार लक्ष्मी और धर्मराज मे श्रेष्ठता को लेकर बहस हो गई। धर्म बोल रहे थे मै बड़ा, और लक्ष्मी बोल रही थी मै बड़ी, दोनो मे इस बात को लेकर इतनी बहस हुई की दोनो सही का स्थिति पाने के लिए देवताओ के राजा इंद्र के यहां पहुचे। बहुत देर बिचार करने के बाद इंद्र ने सोचा इनके पचेडे मे पडने के बजाय इनसे छुटकारा पाने मे ही भलाई है। कुछ देर बाद इंद्र ने कहा " आप दोनो महान व्यक्तित्व वाले देवता हो आप दोनो के बारे मे सही निर्णय लेना मेरे बस कि बात नही। आप दोनो पृथ्वी पर जाइए वहां एक बहुत ही प्रतापी और धर्म निष्ठ राजा है उनका नाम राजा विक्रमादित्य है। वहां आपको सही न्याय सही फैसला मिलेगा ।
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