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Showing posts from June, 2020

JAI BABA BHOLENATH जय बाबा भोलेनाथ A RELIGIOUS STORY

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बाबा भोलेनाथ  तीनों लोकों के मालिक है ।ये मैं नहीं कहता ये सारे वेद , शास्त्र कहते हैं । बाबा भोलेनाथ की एक ऐसी  कहानी जिसने  लोगों के दिलों में बाबा भोलेनाथ के प्रति अपार श्रद्धा भर दिया । ऐसे तो भगवान भोलेनाथ की सैकड़ों  लीलाएं है । पर यह लीला कथा अपने आप में अद्भुत है ।                   ऋषि कश्यप  की पत्नी दिति ने हिरण्य कशिपु और  हिरण्याक्ष  नाम के  दो पुत्रों को जन्म दिया । जो बहुत बलवान और शक्तिशाली थे । अपने जीवन काल  मेें उन्होंने  अत्याचार की सारी सीमाएं पार कर दी । और  अंत में भगवान श्री हरि विष्णु के हाथों मारेे गये । उनके मारे  जाने के बाद सभी दिशाएं सुशोभित  हो उठी नदियां अविरल बहने लगी ।  चारों तरफ भगवान श्री हरि विष्णु की जय जयकार होने लगी । उनके मृत्यु का समाचार उनकि माता दिति  को मिला  तो  वह आग बबूला हो उठी ।                                                            अत्यंत दुखी होकर उनकी माता दिति ने  जाकर  घोर तपस्या करके अपने पति को खुुुश कर  दिया और बदले में एक ऐसे पुत्र कि मांग कि जो उनकी सेवा कर सके ।   तब ऋषि कश्यप ने कहा  " आपकी मनोकामना पूरी होगी । ल

BHGWAN NANDIKESWAR भगवान नन्दिकेश्वर RILIGIOUS STORY

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भगवान शिव  दुनिया के परम पिता है । पर आदि काल में एक समय ऐसा आया कि परम पिता परमात्मा भगवान शिव को भी एक समय किसी का  पुत्र बनना पड़ा । हां , चंद्र मौली  भगवान चन्द्रशेखर, देवाधिदेव महादेव, सैकड़ों नामों से जाने जाने वाले  भगवान शिव  भी एक बार  पुत्र के रूप में अवतार लिए थे । आज हम  शिव पुराण में वर्णित  एक कहानी का  वर्णन करने जा रहे हैं ।                             बहुत समय पहलेे  शिलाद नाम केे एक ऋषि हुए थे । वे भगवान शिव के परम भक्त थे । भगवान शिव ने उन्हें धन्य ,धान्य वैभव और ऐश्वर्य सब कुछ दिया था पर उनको पुत्र नहीं था । उनके  जीवन काल मेें एक अद्भुत घटना घटी । एक दिन वे नदी मेें स्नान करने  गए हुए थे  ।  उन्होंने नदी के घाट पर  एक स्त्री को  अपने एक  साल के बच्चे के साथ प्यार और दुलार करते देखा ।  उस स्त्री  को अपने बच्चे से  प्यार करते देेख कर  ऋषि शिलाद के अन्दर भी ममत्व की ऐसी करूणा  जागी कि उनके जीवन काल में आंधी सी आ गई ।                                                            सोते, जागते, पूजा करते हर समय उनके मस्तिष्क में वही स्त्री वाला दृश्य घूमते रहता  था । उनके

BHGWAN GAUTAM BUDDHA भगवान गौतम बुद्ध HISTORICAL STORY

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 भगवान इस धरती पर कभी भी कहीं भी आ सकते हैं वे दुनिया के मालिक हैं । यदि यह तथ्य सत्य नहीं होता तो सबके सुरज अलग होते, सबके चांद अलग होते,सबकी प्रकृति अलग होती, लेकिन ये कोई इतिफाक नहीं है पूर्ण सत्य है की हों न हो  हम सब एक हैं । हमारे बीच दो शख्सीयत ऐसी आई । जिनके कर्म ने  उन्हें भगवान का दर्जा हासिल करवाया । दोनों शान्ति और अहिंसा के ऐसे मिसाल बने । जिनके आगे दुनिया नत मस्तक होती है । एक है भगवान गौतम बुद्ध और दुसरे है प्रभु यीशु मसीह । शांति और अहिंसा के अद्भुत अवतार ।आज हम भगवान गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़ी एक सुंदर घटना पेश करने जा रहे हैं । .....                                                                    भगवान गौतम बुद्ध  शाक्य वंश केे राजा सुशोधन केेे पुत्र थे । स्वभाव सेेे ही  शान्त्त , उदिग्नता  और चंचलता से कोसो दूर थे । अन्य  राजकुमारों की भांति खेलो और प्रतिस्पर्धा मे  भाग लेेेेना  , राज कुमार  होने का दम्भ भरना ,उनके अन्दर ऐसी कोई भी आदत नहीं थी।  गीत, संगीत, विनोद और हास्य में उनकी रूचि   लेेेश मात्र भी नहीं थी । समुद्र के पानी की तरह उनका मन हमेशा गंभीर रहा कर

MISHAL A - DOSTI मिसाल ए- दोस्ती HISTORICAL STORY

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वीरों की इस पावन  धरती पर ऐसे ऐसे वीर पैदा हुए हैं जिन्होंने अपनी कृत्य और पराक्रम से इस धरती का नाम रोशन किया है । ऐसे दो वीरों की ऐतिहासिक गाथा का वर्णन हम करने जा रहे हैं । जो माता मैहर के शिष्य के रूप में प्रसिद्ध है ।जिन्हे  इस धरती पर  आल्हा-ऊदल के नाम से जाना जाता है ।                                                                           पूर्वकाल में यक्ष राज और बक्ष राज नाम के  दो सगे  भाई थे । दोनों भाई यक्षराज और  बक्ष राज राजा परिमल के सेना  पति  थे   । राजा परिमल महोबा गढ़ के राजा थे ।   यक्षराज एक बहुत ही नेक और ईश्वर पर विश्वास रखने वाले ,सबको समझा बुझाकर  चलने वाले,एक दुसरे की समस्या को हल करने वाले, बहुत ही अलग सुझबुझ के इंसान थे  । वहां लोग एक दूसरे से परस्पर प्रेम किया करते थे । कृषि, व्यवसाय ,धन दौलत से भरपूर उनका राज्य बहुत ही खुशहाल था ।उनका छोटा भाई बक्षराज वह बहुत ही  बहादूर  था  राजा  परिमल के यहां  माडो गढ का  राजा  कडगा   राय  नाम का दुष्ट  राजा था । वह रात दिन यही सोचा करता था कि कौन सा चक्कर चलाऊं ताकी  महोबा का पुरा राज्य मुझे मिल जाए ।