EK AUR SACH एक और सच A RELIGIOUS STORY
एक ऐसे व्यक्ति की कहानी जो दुनिया के रहन सहन से दूर रहने वाला एक निराला व्यक्ति हैं । जिससे घर वाले तो बहुत दूर की बात है उससे नात रिस्तेदार भी परेशान हैं ।उसके व्यवहार ने उसको दुनिया से दूर कर दिया है ।ऐसे ही एक शख्स की कहानी जिसके जिन्दगी में एक अजीब मोड़ आया और वह-----------।
. मुकेेश गांव का एक भोला भाला आदमी रहता है । जिससे गांव का हर शख्स प्यार करता है ।सभी उसे मुुुकूू कह कर बुलाते हैं । भोला भाला स्वभाव होने के साथ साथ उसके पास एक और अच्छी आदत है ।वह गांव के छोटे बडे सब लोगों का बहुत आदर करता था। इसलिए गांव का हर शख्स उससे बहुत प्यार करता था । एक दिन पचइया (दंगल ) का त्योहार आया । पांच गांव के लोगों का जमावड़ा एक मेेले का रूप ले लिया था । मुकेश भी अपने आपको काफी सजा धजा कर इस त्योहार मे शामिल होने पहुंचा ।इस दिन को कई पहलवान जोड़ों को अपना अपना शौर्य दिखाने का मौका दिया जाता हैै । पांच गांव के लोग स्त्री और पुरुष सभी उस मेले में शामिल होकर अपनी जरूरत की चीज खरीदते हैं ।कही गायन का प्रोग्राम तो कहीं मिठाइयो की दुकान सजी हुई है । कुछ लोग गायन का आनंद ले रहे हैं। तो कुछ लोग मिठाईयों का आनंद लें रहे हैं । अचानक से ही एक अधेड उम्र के आदमी को चक्कर आता है । और वह गीर पड़ता है । उसके इस दशा को देखकर भगदड़ मच जाती है । किसी को भी कुछ मालूूम नहीं । बस सब लोग इधर-उधर भाग रहे हैं । सबके मुंह से एक ही बात निकल रही है "क्या हुआ " । कुछ देर बाद लोगों ने देखा कि उस अधेेेड़ आदमी को मुुुुकेेश अपने कंधे पर रख कर अस्पताल की तरफ भागा चला जा रहा है । वहां पहुंचते पहुंचते खुुुुद मुुुकेेेेश की हालत खराब हो गई, उसने उस अधेड़ आदमी को समय से अस्पताल पहुंचाया । जिससेेे उस आदमी की जान बच गई अब हर आदमी के जुुुुबान पर उसका ही नाम था ।अपने गांव में तो वो हीरो था ही पांच गांव में उसकी बहादुुुुरी के चर्चे होने लगे । गांव के छोटे बड़े किसी को कोई भी तकलीफ होती तो सबसे पहले मुुुुकेश ही दिखाई देता । एक दिन रात का समय था । मुकेश कहीं से लौट कर आ रहा था । मुकेश को अपना बदन कुछ भारी सा लगा । घर आकर वह बिना किसी कुुछ बताए ही सो गया । दुसरे दिन से उसकेेेे व्यवहार के अंदर एक अजीब टाइप का बदलाव नजर आने लगा ।वह किसी को भी देेेे खता तो सामने वाले को अच्छा नहीं लगता ।उसके इस बदलाव से सभी परेेेेशान हो गए । जो आदमी छोटेेे बड़े सभी के लिए हमेशा जान देने के लिए तत्पर रहा करता था ।उस आदमी की ऐसी दशा देेख कर सबको बड़ा दुु ख होता था । बड़े छोटे का लिहाज करीबन भूल चुका था । घर वालेे बाहर वाले उसके इस व्यवहार से नाराज थे। एकाएक उसके अंदर केे परिवर्तन से सभी लोग परेशान हो गए ।सब लोग कहते थे कि इतना अच्छा आदमी था ऐसा कैसेे हो गया । ओझा , सोखा, डॉक्टर कोई भी उसके तकलीफ को समझ नहीं पाया था ।जो जहां भेजते घर वालेे वहां लेेेकर जाते पर उसके अंदर किसी तरह का कोई परिवर्तन नही हुआ । मुकेश की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती चली गई । कभी दो दिन तक खाना नहीं खाता तो कभी कभी इतना खा जाता कि देखने वालेे परेशान हो जाते । आखिरकार घर वाले परेशान होकर उसको भगवान भरोसेेे छोड़ दिए ।वह किसी की इज्जत नहीं करता । किसी को भी अपशब्द बोल दे ता। घर का एक कोई भी सदस्य हमेशा उसकी निगरानी में रहता था कुछ दिन बाद जब वह अपने भाई के यहां मुंबई पहुंचा । मुंबई अंधेरी में एक हनुमानजी का मंदिर है आये दिन वहां कई तरह के चमत्कार होते रहते हैं। वहीं पास में ही हनुमानजी का यह मंदिर है जहां उसका भाई का घर था। मुकेश कहीं से भी आता उसी मंदिर पर धंटो बैठा रहता और एक आशा भरी निगाहों से हनुमानजी को देखता रहता । कुछ ही दिनों बाद उसके अंदर थोड़ा परिवर्तन आने लगा ।घर वालों ने इस परिवर्तन पर ध्यान देना शुरू किया और उन्होंने जानबूझकर मुकेश को मंदिर पर जाने को उकसाने लगे ।थोड़े दिनों के बाद मुकेश एक दम सामान्य हो गया । हनुमानजी की कृपा से वह हर लोगों से सामान्य व्यवहार करने लगा ।अब वह हनुमानजी के श्री चरणों में हमेशा सिर झुकाता है । हनुमानजी भी उसकी तरफ देख कर एक हल्की सी मुस्कुराहट बिखेर देते हैं । दोस्तों यह कहानी आप लोगों को कैसी लगी Enter your comment में जरूर लिखें ।इसी मंदिर से सम्बंधित दो सत्य कहानियां आपको हमारे लिंक में मिलेगी ।१-ये मात्र संयोग नहीं हो सकता २-खुद हनुमानजी ने बचाई अपने सेवक की जांन । more postsका सहारा लिजीए धन्यवाद। लेखक-भरत गोस्वामी
Nice Story
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