NA MITE TAQDIR KA LIKHA ना मिटे तकदीर का लिखा A RELIGIOUS STORY
मनुष्य अपने जीवन में कई बार सोचता है कि मेरी जिंदगी और बेहतर हो जाए या मेरे बच्चों की जिंदगी और बेहतर हो जाए पर ऐसा हो नहीं पाता। जो उसके तकदीर में होता है वो सबकुछ होकर रहता है ऐसे ही एक पुर्व काल में धटित धटना का वर्णन इस कहानी में किया गया है। पूर्वकाल में एक ऋषि अपने उत्तम आचार एवं बिचार से सभी आश्रमवासियों के प्रिय हो गये थे । भगवत् सेेेवा ,ज्ञान ध्यान में महारत हासिल करने के बाद भी उनका स्वभाव अति सौम्य और उदारता से ओत प्रोत था ।उनके आश्रम के परिजन ,शिष्य गण नित्य एक नई उपासना का योग ढूंढ कर सिद्ध करने में माहिर थे । अनायास ही उनके यहां एक दिन एक धटना धटित हुईं ,ऋषि महराज के लिए दूध गर्म किया जा रहा था कि एक सांप आकर उसमें गीर कर मर गया । एक चुहिया यह सबकुछ देख रही थी उसने सोचा कि जब ऋषि महराज इस दूध को पियेेगे तो उनकी मृत्यु निश्चित है। यदि ऐसा हो गया तो बहुत अनर्थ हो जायेगा । परोपकार की भावना से प्रेरित होकर उसने ऋषि महराज की जांंन बचाने के लिए उस ...