AK TARFA PYAR एक तरफा प्यार A LOVE STORY


प्यार ईश्वर की बनाई हुई सबसे सुंदर रचना है। प्यार के बिना जिन्दगी सबकुछ होते हुए भी अधुरी लगती है।जिस  मनुष्य  को जिन्दगी में सच्चा प्यार मिलता है वह बहुत ही खुशनसीब है।पर यह हर किसी को नहीं मिलता ।ऐसे  ही एक शख्स की कहानी जो सब कुछ पाते हुए भी कुछ ना पा सका । यानी एक तरफा प्यार की एक कहानी जो यादगार बन कर रह गई ।                                                     
सायं की बेला अपना पांव पसार रही थी।पुरब दिशाओं में तारे पृथ्वी पर झांकना शुरू कर दिए थे। ऐसी बेला में अभिनव  नाम का एक तरूण  कहीं बाहर से अपने घर पर आ रहा था ।दरवाजे पर कुछ लोग उसके पिता के साथ गपशप कर रहे थे।बाद में पता चला कि उसकी शादी तय हो गई। शादी की तैयारियां जोर-शोर से होने लगी । मन-ही मन अभिनव भी बहुत खुश था। शादी का दिन जितना नजदीक आ रहा था ।अभिनव की खुशी उतनी बढते  जा रही  थी ।आखिरकार वह घड़ी आ ही गई जिसका इंतजार वह बड़ी  बेसब्री से कर रहा था।बारात थोड़ी ही दूर बाजार के पास जा ने  वाली थी ।रस्म की अदायगी पुरी की जा रही थी ।                                    इसी बीच अभिनव की नजर एक लड़की पर पड़ती है।जो बहुत ही खूबसूरत रहती है । चांद की तरह चमकता चेहरा, मोतियों की   तरह चमकते दांत ,सुराही दार गर्दन , देेखने में ऐसे लगे जैसे तारे शरमा जाए ।  अभिनव की नजर उस लड़की पर से हटने का नाम नहीं ले रही थी।न चाहते हुए भी वह कभी कभी उसकी तरफ देख ही लेता । उस लड़की की मुस्कराहट उसके दिल में उतर गई थी।रस्मो का सिलसिला जोर पर था । उसकी नजर अपने होने वाली पत्नी  पर पड़ी , जो कम सुंदर न थी ।छुपते छुपाते उसकि नजर एक बार मोनिका पर पड़ी। तो फिर वह पहले की तरह त आड़प उठा।काश कोई इत ना सुन्दर कैसे हो सकता है।                                                     एक मिनट के लिए अचानक  मोनिका की नजर अभिनव पर पड़ी जो उसे घुरे जा रहा था। एक  हल्की सी मुस्कान के साथ मोनिका किसी काम के चलते उसके आंखों से ओझल हो गई ।ज्यो  त्यो रस्म पूरी हुई। उस की पत्नी कल्पना जो बहुत सुंदर,बहुत सुुुुशील ,और सुझ बुुझ की औरत थी। अपने आचरण से उसने सभी परिवार वालों का दिल जीत लिया । अभिनव  उसे  पाकर नाखुश नहीं था।परन्तु  वह क्या करता  मोनिका का वह मुस्कुराता हुआ चेहरा वह भुल नही पाता ।वह जब जब  उसे भुलाने  की कोशिश करता उसका लगाव और बढ़ता जाता ।और वह अपने आप को नही रोक पाता  , कोई ना कोई बहाना बना कर  वह   अपने  ससुराल चला जाता और   मोनिका के घर को निहारता रहता था।शायद उसकी एक झलक मिल जाए। कुछ दिन बाद उसे मालूम पड़ता है कि  उस लड़की की शादी हो गई। अभिनव की रातों की नींद हराम हो गई।वह  मोनिका के प्यार में ऐसा डुबा  कि हर पल उसके दिमाग में वही घुमते रहती ।करने कुछ  जाता  हो कुछ जाता । पत्नी कल्पना परेशान वह उसके साथ रह कर भी उसके साथ नही रहता ‌।                                                           जब से मोनिका की शादी की बात मालूम हुई तब से वह उदास रहने लगा था। जिन्दगी अब बोझ  सी लगने लगी थी।उसका किसी भी काम  में मन नहीं लगता।हर पल   मोनिका की चाहत दिनों दिन बढ़ती चली गई। एक दिन कल्पना उसे उदास  देखकर पुु छ बैठती है। लेकिन अभिनव के उपर उसका कोई असर नही पड़ता।कल्पना उसे हर तरह से खुश करने की कोशिश करती है।और वह इस काम में कुछ हद तक सफल भी होती है। अभि नव धीरे धीरे मोनिका के प्यार को भुल ने की कोशिश करता है।      ‌‌‌‌                         ‌                                                पर   नियति  को कुछ और ही मंजूर होता है। एक दिन किसी काम के सिलसिले में वह बाजार  जाता है वहां उसकी मुलाकात मोनिका से हो जाती है। मोनिका को देखते ही उसकी यादें पुनः ताजा हो जाती है।वह पहले से भी ज्यादा सुंदर दिखने लगी थी ।अभिनव न चाहते हुए भी अपने आप को रोक नहीं पाता है।और  मोनिका से पुछ बैठता है। एक हल्की सी मुस्कान के साथ मोनिका उसे बताती है कि मेरे पिता जी की तबीयत ठीक नहीं है।उनका इलाज आजमगढ़ में चल रहा है।  अभिनव तो हमेशा उससे मिलने का मौका ढूंढते रहता था । वह उससे मिलने के बहाने अस्पताल पहुुंच जाता है।                                                             वहां जाकर उसे पता चलता है कि उसके पिता जी की तबीयत में कुछ सुधार हो रहा है ।और अभिनव कोई बहाना बना कर उसके पिता जी की सेवा में लग जाता है।और एक दिन अस्पताल के गेेेेस्ट रुम में एक घटना घटती है ।                                           रात अपने सितारों के साथ पुरे जोश में थी।एकाएक अभिनव की आंख खुलती हैं उसने जो देखा उसे अपने आप पर विश्वास नहीं हो रहा था कि ऐसा भी हो सकता है।ये असम्भव काम सम्भव कैसे हो गया है। जिसे इतने सालों से सपने में देखता रहा था । जिसके लिए वह कितनी रातें जग कर बीता दी। जिसकी एक झलक पाने के लिए वह घंटो तक इन्तजार करता रहता था। अभिनव को  तो खुशी का ठिकाना ही नही था।वह सोच रहा था कि मैं कोई सपना तो नहीं देख रहा हूं। जो भी हो वह एक एक पल का आनंद लेना चाहता था ।                                                    मोनिका उसे अपने आगोश में ले कर बिंदास सो गयी थी। अभिनव का चेहरा उसके बालो से ढका हुआ था उसके बालो की झीनी सी खुशबू अभिनव के दिल में उतर गई थी ।वह मोनिका को जगाना नही चाहता था । क्योंकि इस पल का इंतज़ार वह कई  सालों से कर रहा था।वह इस पल का भरपूर आनंद लेना चाहता था।रह  रह कर उसे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा था।कि यह सच है या कोई सपना । मेरी चाहत,मेरा प्यार  मेरे इतने करीब और इस दशा में मिल सकती हैं,उसने कभी सोचा भी नहीं था । मोनिका के बालों की खुशबू उसके दिलो दिमाग में छाई हुई थी और उसी के ख्यालों में डुबा अभिनव को कब नींद ने अपने आगोश में ले लिया उसे पता ही नही चला।                                             दोस्तो यह कहानी आप को कैसी लगी दो शब्द जरूर लिखें।और अपने स्वजनो को शेयर जरुर करे। धन्यवाद।        लेेेखक- भरत गोस्वामी

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