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Showing posts from November, 2020

GURU MAHIMA गुरु महिमा A RILIGIOUS STORY

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  यह एक  ऐसा  गरिमामय पद है।  जिसके आगे  भगवान को भी झुकना  पडा ।ऋषि  सन्दीपनी के यहां  भगवान श्री कृष्ण को, और गुरू  वशिष्ठ  के  यहां  भगवान  श्री राम  को झुकना पडा  । माँ  ,पिता और गुरू  से बढ कर  दुनिया में कोई श्रेष्ठ नही है ऐसा भगवान श्री कृष्ण  ने कहा है  । ये तीन पद विधाता  ने स्वयं  बना रखे है  ,जिन्हें  संसार पुजता आया है।  यह प्रसंग कथा महाभारत काल  से लिया गया है   जिसका  उल्लेख   हम  करने जा रहे है।                          गुरु द्रोणाचार्य  का आश्रम जहां कौरवो और पांडवो  दोनों  पक्ष के राजकुमारो को शिक्षा ग्रहण के लिए  भेजा गया है।  यहां राजकुमार  युधिष्ठिर  सबसे   बड़े  भाई  है। जिनकी  इज्जत  कौरव पक्ष के  ज्येष्ठ  राजकुुुुमार   दुर्योधन  भी किया  करते है।...

VISHWASH KA FAL विश्वास का फल A RILIGIOUS STORY

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  मनुष्य का जीवन  परेशानियों  से भरा  हुआ  है।  फिर भी  मनुष्य  जरा  सा  अध्यात्म  के उपर विश्वास करले  तो उसे  बहुत राहत  मिलती है  ।यह तथ्य नैसर्गिक है  । इसी तथ्य को  दर्शाती एक कहानी का वर्णन  हम करने जा रहे है  जो लोक  कथाओ  मे प्रचलित है  ।जिसका नाम  है "  विश्वास का फल "                                          बहुत समय पहले  एक  पुुुुुुजारी  रहते  थे। एक पुराने मंदिर मे पूजा अर्चना     किया  करते  थे। उस  मंंदिर मे  भगवान  गणेेेश, भगवान  भोलेनाथ  और माता गिरजा के अलावा  राम लक्ष्मण जानकी और राधे श्याम  जी की मूर्तिया थी।   सबको श्रृंगार करना, भजन ,भोजन और महा प्रसाद ,पूजा अर्चना  प्रातः पूजा, अपरान्ह पूजा ,  संंध्या पूजा सारी सेवाएं  पुुुुुुजारी  स्व...

SHREE GANESHA-2 श्री गणेशा -२ A RILIGIOUS STORY

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  भगवान  श्री गणेश  प्रथम  पूज्य  ,बल और बुद्धि  मे अग्रणी तो है ही,माता पिता की  सन्तान  की गिनती मे भी अग्रणी  माने जाते है। सर्व  संसार मे प्रथम पूजित  श्री गणेश जी के जीवन से जुड़ी एक पुरातन प्रसंग हम इस  कहानी मे प्रस्तुत  करने जा रहे है।                                              भगवान   गणेश और भगवान   कार्तिकेय   दोनों ही  मातृ भक्त ,पितृ भक्त   है।   अपने  कुशल  कौश्लय  से  उन्होने नर और नारायण दोनों का दिल   जीत  का लिया  ।  भगवान कार्तिकेय  तो स्वभाव सेे थोड़ा  सरल है। पर गणेश, तो स्वभाव से  जरा चंचल  हैं  ।दोनो  भाई समवयस्क होने के कारण  आपस मे लडतेे झगडते  किशोरा  अवस्था सेे युवा अवस्था मे प्रवेश करने लगे।   मां देवी  गिरजा  और पिता...

SHARDHA AUR VISHWASHश्रद्धा और विश्वास A RELIGIOUS STORY

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   श्रद्धा और विश्वास   दो ऐसे शब्द है, जो हर व्यक्ति के जीवन मे एक विशेष  स्थान रखते है। । बिना  श्रद्धा और विश्वास के बिना मनुष्य का  जीवन  सुना है। इसके  कारण मनुष्य का बडा से बड़ा  कार्य  भी सुगम तरीक़े  से सम्भव  हो जाता है।  यह कहानी  महाभारत काल के उस समय की है, जब पाडंव अज्ञात वास  का समय व्यतीत  कर रहे थे।                                                                              रात्रि का समय   सभी भाई एकत्र होकर अपनेे सुुुुखद दिनो की याद के बारेे मे चर्चा  कर रहे थे। उनको आपस मे इस तरह की बात करते देेेख  बड़े   भाई  युधिष्ठिर  ने कहा,"इस तरह सुुुुखद दिनो की याद करके  सुुुखी होना और दुखद  दिनो की याद करके  दुखी होना   एक क्षत्रिय वीर को...