SURDASH KA NISCHAL KRISHANA PREM सूरदास का निश्चल कृष्ण प्रेम A RELIGIOUS STORY
भक्त वत्सल भगवान श्रीकृष्ण के गुणों का गुणगान जितना किया जाए उतना ही कम है । प्रभु अपने भक्तों का ध्यान कैसे रखते हैं । इसी तथ्य को दर्शाती, यह सत्य धटना भक्त और भगवान के निश्चल प्रेम का एक अनूठा उदाहरण है। हमारे साधु संतों में से एक संत सूरदास जी भी थे। एक सुंदर प्रतिभा के धनी , सुंदर काया से युक्त शरीर, वाणी में इतनी मिठास कि जो सुुुने मंत्र मुग्ध होकर रह जाए । इतना सब कुछ होते हुए भी उनके पास आंखेें नहीं थी । कुछ लोगों कहना है कि वे जन्म से अंंधे नहीं थे और कुछ लोगों का कहना है कि वे जन्म से अंंधे थे ।उनके प्रति लोगों में कई धारणाए है । पर उनकी रचनाओं को देख कर ये जरूर लगता है कि वे भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य प्रेमी थे । जो रचनाएं भगवान श्रीकृष्ण के बारे में लिख दिया है ।उससे...