YAD EK BACHPAN KI याद एक बचपन की । A SOCIAL STORY

इस कहानी "याद एक बचपन की " में एक ऐसे शख्स की पुस्तैनी दुश्मनी का जिक्र किया गया है।जिसने उस शख्स का सब कुछ छीन लिया। एक १०साल का बालक उमेश अपने काका के यहां घुमने आया था ।नयाशहर ,नये लोग ,बालक काफी खुश था । कुछ समय बितने केबाद एक दिन अपने काकाजी के साथ झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का किला देखने गया ।काकाजी ने टिकट निकाला और दोनों अन्दर गये ।किले के अंदर रानी का शृंगार गृह , अभ्यास गृह, सैन्य गृह, घुड़साल ,हथिसार, पुजा घर, फांसी घर और ऐसे स्थान जो उसको बहुत अच्छे लगे । कुछ दिन बितने के बाद एक दिन उस बालक ने एक करूण रूदन की आवाज़ सुनी ।शाम का वक्त था, दिन और रात का मिलन हो रहा था।बालक को कुछ अजीब सा लगा। दुसरे दिन भी वही प्रतिक्रिया ,बालक से नहीं रहा गया ,उसने अपने काकाजी से पुछ ही लिया ।"काकाजी इस तरह कौ...